Friday 13 तारीख को अशुभ मानने की परंपरा पश्चिमी संस्कृतियों में लंबे समय से चली आ रही है। इसके पीछे दो मुख्य कारण हैं: पहला, नंबर 13 को अशुभ माना जाता है, और दूसरा, शुक्रवार को विशेष रूप से ईसाई परंपरा में एक दुर्भाग्यपूर्ण दिन के रूप में देखा गया है। हालांकि, वर्तमान समाज में शुक्रवार 13 की भयावहता धीरे-धीरे कम होती दिखाई दे रही है।
Friday 13 की उत्पत्ति
शुक्रवार 13 के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण को दो अलग-अलग अवधारणाओं से जोड़ा जा सकता है। पहली, नंबर 13 लंबे समय से पश्चिमी संस्कृतियों में अशुभ माना जाता है। दूसरा, शुक्रवार, विशेष रूप से ईसाई धर्म में, कई बाइबिल घटनाओं के कारण अशुभ दिन माना जाता है।
ईसाई धर्म में, नंबर 13 का दुर्भाग्य से जुड़ाव ‘आखिरी भोज’ (Last Supper) की घटना से आता है। इस घटना में येशु मसीह के शिष्य यहूदा इस्करियोती, जिसने येशु को धोखा दिया था, 13वां व्यक्ति था। इस धोखे के कारण येशु को क्रूस पर चढ़ाया गया, और यह घटना शुक्रवार के दिन हुई।
इसके अलावा, कई अन्य बाइबिल कथाओं में भी शुक्रवार को नकारात्मक घटनाओं से जोड़ा गया है। उदाहरण के लिए, माना जाता है कि शुक्रवार के दिन ही आदम और हव्वा को अदन की वाटिका से निकाला गया था और नोआ की नाव का महान जलप्रलय भी शुक्रवार को हुआ था।
अन्य मान्यताएं और मिथक
शुक्रवार 13 का अंधविश्वास केवल ईसाई परंपरा से नहीं जुड़ा है। नॉर्स पौराणिक कथाओं में भी नंबर 13 को दुर्भाग्यपूर्ण माना गया है। एक प्रसिद्ध कथा में चालाक देवता लोकी ने एक भोज में आकर 13वें अतिथि के रूप में वहां की शांति भंग कर दी थी। इस घटना के बाद प्रिय देवता बाल्डर की मृत्यु हो गई, जिससे देवताओं में दुख और अराजकता फैल गई। यह कथा भी 13 नंबर के दुर्भाग्य का एक प्रारंभिक उदाहरण मानी जाती है।
मॉडर्न दृष्टिकोण
हालांकि शुक्रवार 13 के प्रति डर और अंधविश्वास पुराना है, लेकिन आधुनिक समाज में इसके प्रति नजरिया बदल रहा है। कुछ लोग, जैसे मशहूर पॉप गायक टेलर स्विफ्ट, इसे अपने लिए सौभाग्यशाली मानते हैं। टेलर स्विफ्ट अपने करियर की शुरुआत में 13 नंबर को भाग्यशाली मानते हुए उसे अपने हाथ पर लिखकर प्रदर्शन करती थीं।
आज के समय में लोग पुराने अंधविश्वासों को चुनौती देने लगे हैं। प्रोफेसर फिल स्टीवंस ने इन मान्यताओं को ‘जादुई सोच’ कहा है, जहां लोग दो असंबंधित चीजों के बीच कारण-परिणाम का संबंध देखते हैं। शुक्रवार 13 को लेकर भी यही मान्यता है, जहां शुक्रवार और 13 के दुर्भाग्य को जोड़कर एक अशुभ दिन माना गया है। हालांकि, समय के साथ लोग इस विचारधारा को छोड़ते नजर आ रहे हैं।
निष्कर्ष
Friday 13 आज भी अंधविश्वास से घिरा हुआ दिन है, जिसकी जड़ें प्राचीन धार्मिक मान्यताओं और सांस्कृतिक मिथकों में हैं। हालांकि, आधुनिक समय में इसके प्रति दृष्टिकोण बदल रहा है, और कई लोग इसे सिर्फ एक और तारीख के रूप में देख रहे हैं। जबकि कुछ लोगों के लिए अब भी यह दिन डर का कारण हो सकता है, अन्य लोग इस लंबे समय से चले आ रहे अंधविश्वास को चुनौती देकर उसे नया रूप देने की कोशिश कर रहे हैं।
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